Sawan Somvar 18 july 2022 – सावन के सोमवार के व्रत क्यों रखना चाहिए और क्या है व्रत के विधि, आए जाने-
सावन 14 जुलाई से सुरु हो गया था, कल 18 जुलाई को पहला सोमवार है, वैसा तो किसी भी दिन को भगवान शिव के पूजा करना का महत्व है, लेकिन सावन के सोमवार के व्रत रखना और हर दिन शिव की पूजा करने सच्चे मन से, बहुत ही अच्छा माना जाता है, और उनके सब मनुकामनये भगवान शिव पूरी करते हैं.
आइए जानते हें सावन के सोमवार की पूजा विधि, महत्व और सामग्री की पूरी लिस्ट-
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सुबह सूर्य उगने से पहले उठ जाएं और स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें।
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इस बात के विशेष ध्यान रखे की वस्त में काले रंग के कपड़े धारण न करे, कुछ लोग कभी पूजा में काला रंग के कपड़े धारण करते हैं, काले रंग को पूजा मैं शुभ नहीं माना जाता है।
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घर के मंदिर के साफ सफाई करले, और सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें, पूजा स्थल पर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति को स्थापित करते हुए व्रत का संकल्प लें।
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भगवान शिव और गोरी माता के चरनो में दीप प्रज्वलित करें।
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सच्चे मन से शिव भगवान की आराधना करे उन ध्यानावद बोले एस जीवन के लिए और हाथ जोड़ कर उनसे जो भी मन में आपके जो भी इच्छा है उन्हे मांगे।
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फिर जल लेके घर के तुलसी के पेड के चरणो मैं उसे चड़ा दे।
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अब पूजा के थाली त्यार करे, इसमे घर का जल उसमे गंगा जल मिलाये, एक दीपक और 2 काली मिर्च और थोड़े से चावल और कोई भी एक या दो फल ले, बेल पत्र ले, थोड़े से पुष्प और गन्ने का रस, दूध और दही ले.
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इसके बाद घर के पास स्थित शिवमंदिर में जाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करें। जलाभिषेक में गंगाजल, घी, गन्ने का रस, दूध और दही का प्रयोग करें।
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भगवान शिव की आरती करें और भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
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पूजा के दौरान लगातार ऊं नम:शिवाय मंत्र का जाप करें। इसके बाद शिव मंदिर में भगवान शिव की मूर्ति के समक्ष बैठकर शिव चालीसा और रुद्राष्टक का पाठ करें। इसके बाद शिव कथा और आरती करें।
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भगवान शिव का अधिक से अधिक ध्यान करें। श्याम को दीप जला कर, फिर एक बार पूजा करें और गाय को भोग लगा कर, भोजन खाए।
सावन सोमवार 2022 की तिथियां-